Sep 04, 12:03 am
मुंबई, जागरण संवाददाता।
भ्रष्टाचार के विरोध में लड़ाई लड़ रहे अन्ना
हजारे को महाराष्ट्र सरकार ने 'जेड' श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई है।
लेकिन, अन्ना ने ऐसी किसी सुरक्षा को अपने लिए अनावश्यक बताया है। सवाल उठ
रहा है कि सरकार को वाकई अन्ना की सुरक्षा की चिंता है या वह अपने सुरक्षा
तंत्र के जरिये अन्ना की निगरानी की कोशिश कर रही है।
जेड श्रेणी की सुरक्षा के तहत एक पुलिस वाहन के साथ दो सुरक्षा अधिकारी
और चार हथियारबंद सुरक्षा गार्ड मुहैया कराए जाते हैं। पैतृक गांव रालेगण
सिद्धि में रहते हुए या गांव से बाहर जाने पर ये लोग हमेशा अन्ना के साथ
रहेंगे। अन्ना को इससे पहले भी सादे वस्त्रों में दो हथियारबंद सुरक्षा
गार्ड दिए गए थे।
महाराष्ट्र गृह मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि अन्ना ऐसी किसी
सुरक्षा व्यवस्था को इसलिए अनावश्यक मानते हैं क्योंकि यह उन्हें आम लोगों
के बीच स्वतंत्रतापूर्वक घूमने और उनसे मिलने में बाधा बन सकती है। अन्ना
के करीबी भी मानते हैं कि हाल के उनके आंदोलन के बाद उनसे मिलने-जुलने
वालों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। वह यह भी मानते हैं कि उनसे
मिलने आने वालों में कोई उनके लिए खतरा भी बन सकता है। लेकिन, अन्ना ने एक
बयान में कहा है कि उन्हें अपनी मौत का डर नहीं है क्योंकि सुरक्षाकर्मियों
के रहते भी लोगों की हत्याएं होते देखी गई हैं।
गृह मंत्रालय के सूत्र इस बात का जवाब नहीं दे पाते कि क्या अन्ना की
जान को कोई खतरा है? लेकिन, इससे पहले अन्ना को मारने के लिए 30 लाख रुपये
की सुपारी देने का एक मामला सामने आ चुका है। यह सुपारी महाराष्ट्र की
सत्ता में शामिल रहे उन नेताओं की तरफ से ही दी गई थी जिनके खिलाफ अन्ना ने
भ्रष्टाचार के मामले उजागर किए थे।
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